महापौर आशा शर्मा पर सपा की मेयर प्रत्याशी रहीं राशि गर्ग के पति अभिषेक गर्ग ने निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आशा शर्मा ने नामांकन पत्र दाखिल करते समय झूठा शपथ पत्र दाखिल किया। इसमें उन्होंने उनके ऊपर चल रहे आपराधिक मुकदमे की जानकारी को छुपाया है। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, मुख्यमंत्री, राज्य निर्वाचन अधिकारी और मंडलायुक्त को इसकी शिकायत भेजकर निर्वाचन रद्द किए जाने की मांग की है।
बृहस्पतिवार को अभिषेक गर्ग ने कविनगर स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता के दौरान महापौर आशा शर्मा पर चल रहे मुकदमे के दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में बसपा शासनकाल में मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने के मामले में उन पर गंभीर धाराओं में सिहानी गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इसमें कई अन्य आरोपी भी हैं। इसके बाद 2011 में सिहानी गेट पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, इस पर कोर्ट ने संज्ञान भी लिया। आशा शर्मा ने इसके बाद जमानत नहीं कराई। कोर्ट ने सम्मन जारी कराए। इसके बाद भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुई तो उनके खिलाफ जमानती वारंट (बीडब्ल्यू) जारी किए गए। इसके बाद भी उन्होंने जमानत नहीं करवाई तो अदालत ने सितंबर 2017 में गैर जमानती वारंट जारी किए। तब से अब तक उनके खिलाफ कई बार गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। एसीजेएम कोर्ट नंबर-3 में विचाराधीन इस मामले में अब 31 अक्तूबर को सुनवाई होनी है।
सपा नेता व पूर्व मेयर प्रत्याशी के पति अभिषेक गर्ग का कहना है कि मौजूदा मेयर आशा शर्मा ने नामांकन के दौरान झूठा शपथ पत्र दाखिल कर जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग को गुमराह किया है। उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई के साथ-साथ मेयर का निर्वाचन भी निरस्त किया जाए। उनका कहना है कि अगर जिला निर्वाचन अधिकारी या राज्य निर्वाचन आयोग कार्रवाई नहीं करता तो वह अदालत जाकर न्याय की गुहार लगाएंगे।
बृहस्पतिवार को अभिषेक गर्ग ने कविनगर स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता के दौरान महापौर आशा शर्मा पर चल रहे मुकदमे के दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में बसपा शासनकाल में मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने के मामले में उन पर गंभीर धाराओं में सिहानी गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इसमें कई अन्य आरोपी भी हैं। इसके बाद 2011 में सिहानी गेट पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, इस पर कोर्ट ने संज्ञान भी लिया। आशा शर्मा ने इसके बाद जमानत नहीं कराई। कोर्ट ने सम्मन जारी कराए। इसके बाद भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुई तो उनके खिलाफ जमानती वारंट (बीडब्ल्यू) जारी किए गए। इसके बाद भी उन्होंने जमानत नहीं करवाई तो अदालत ने सितंबर 2017 में गैर जमानती वारंट जारी किए। तब से अब तक उनके खिलाफ कई बार गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। एसीजेएम कोर्ट नंबर-3 में विचाराधीन इस मामले में अब 31 अक्तूबर को सुनवाई होनी है।
सपा नेता व पूर्व मेयर प्रत्याशी के पति अभिषेक गर्ग का कहना है कि मौजूदा मेयर आशा शर्मा ने नामांकन के दौरान झूठा शपथ पत्र दाखिल कर जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग को गुमराह किया है। उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई के साथ-साथ मेयर का निर्वाचन भी निरस्त किया जाए। उनका कहना है कि अगर जिला निर्वाचन अधिकारी या राज्य निर्वाचन आयोग कार्रवाई नहीं करता तो वह अदालत जाकर न्याय की गुहार लगाएंगे।