पांडवों ने यहा भी काटा था अज्ञातवास, पैदा हुए लवकुश, ऐसी है महर्षि की तपोभूमि की कहानी

विकास खंड घिरोर की ग्राम पंचायत विधूना स्थित मार्कंडेय ऋषि तपोभूमि पर कार्तिक पूर्णिमा से लक्खी मेले की शुरुआत हो गई। यह मेला न केवल जनपद के लिए बल्कि प्रदेश भर के लोगों के लिए प्रसिद्ध है। महर्षि मार्कंडेय की तपोभूमि त्रेता और द्वापर युग की कई किवंदतियों को अपने आप में समेटे हुए है।