बंधक फ्लैट की रजिस्ट्री कर केरल के दंपती से ३९ लाख ठगे

फ्लैट दिलाने के नाम पर केरल के दंपती से 39 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित का कहना है कि दोस्त ने ही उन्हें आरोपियों से मिलवाया था। इसके बाद आरोपियों ने पहले से ही बंधक फ्लैट का फर्जी मालिक खड़ा कर रजिस्ट्री उनकी पत्नी के नाम करा दी। फ्लैट पर बैंक का नोटिस चस्पा होने पर उन्हें फर्जीवाड़े का पता चला। एसएसपी के आदेश पर विजयनगर पुलिस ने फाइनेंस कंपनी व अधिवक्ता सहित 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पीड़ित का कहना है कि 35 लाख के लोन के अलावा वह कंपनी को साढ़े 3 लाख की किश्त भी अदा कर चुके हैं।
जोलडिन फ्रांसिस का कहना है कि वह केरल के जिला इडकी के रहने वाले हैं और वर्तमान में पत्नी प्रेयसी के. सैलास के साथ मोहन गार्डन उत्तम नगर वेस्ट दिल्ली में रहते हैं। उनका कहना है कि वह मरीजों को नर्सिंग सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी में जॉब करते हैं। जुलाई 2018 में उनकी मुलाकात मयूर विहार नई दिल्ली निवासी अनूप जेम्स से हुई। वह भी केरल निवासी है और नर्सिंग सेवा देने का कार्य करता था। जोलडिन फ्रांसिस का कहना है कि उन्होंने फ्लैट लेने की इच्छा जताने पर अनूप जेम्स ने अलीगढ़ निवासी अपने कर्मचारी अजय वर्मा से मिलवाया। इसके बाद दोनों ने उनकी मुलाकात नीतिखंड फर्स्ट इंदिरापुरम निवासी एक कार्यालय में प्रॉपर्टी डीलर मयंक भारद्वाज व उसके भाई हर्षित भारद्वाज से कराई। दोनों भाइयों ने विजयनगर के प्रताप विहार में फ्लैट दिखाकर और हुकमचंद कंसल निवासी एल-ब्लॉक सेक्टर 11 प्रताप विहार को उसका मालिक बताया। आरोपियों ने फ्लैट की कीमत 35 लाख बताकर फाइनेंस कराने का दावा भी किया। सहमत होने पर उक्त लोग उन्हें व उनकी पत्नी को पुराना राजेंद्र नगर स्थित फुलरटोन इंडिया फाइनेंस कंपनी में ले गए। वहां उनके ज्वाइंट खाते की स्टेटमेंट व अन्य दस्तावेज लेकर फार्मों पर हस्ताक्षर करा लिए गए।
16 जनवरी 2019 को हुई रजिस्ट्री
30 नवंबर को उनकी पत्नी के नाम 35 लाख 59 हजार 902 रुपये का होमलोन स्वीकृत किया गया। लोन अनुबंध पर फुलरटोन कंपनी की तरफ से ललित कुमार ने हस्ताक्षर किए थे। उन्हें आश्वासन दिया गया कि रजिस्ट्री के वक्त 28 लाख का डीडी फ्लैट मालिक के नाम दे दिया जाएगा तथा कंपनी रजिस्ट्री को अपने पास बंधक रख लेगी। उक्त चारों के कहने पर उन्होंने फ्लैट के कथित मालिक हुकमचंद कंसल के खाते में दिसंबर 2018 से जनवरी 2019 में सात लाख ट्रासफर कर दिए। 16 जनवरी 2019 को सदर तहसील में दंपती को बुलाया गया, जहां फाइनेंस कंपनी का प्रतिनिधि 28 लाख का डीडी लेकर खड़ा था। वहां अधिवक्ता रामकुमार निगम ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कराई। रजिस्ट्री होने पर उन्हें प्रॉपर्टी डीलर भाइयों को कमीशन भी दे दिया।
जून 2019 में चस्पा मिला बैंक का नोटिस
पीड़ित का कहना है कि साफ-सफाई करने के लिए वह जुलाई 2019 में फ्लैट पर गए तो वहां एसबीआई करोल बाग नई दिल्ली का नोटिस चस्पा मिला। उस पर लिखा था कि लोन अदा न करने पर फ्लैट बंधक कर लिया गया है। उन्होंने उक्त लोगों से बात की तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। खोजबीन करने पर पता चला कि हुकमचंद कंसल ने खाली जमीन प्रीत विहार दिल्ली निवासी विशाल विज को 30 लाख में पूर्व में ही बेच दी थी। इसके बाद विशाल ने तीन मंजिला बिल्डिंग तैयार की और 2 जनवरी 2014 में वीरेंद्र ठाकुर निवासी राजगढ़ कॉलोनी दिल्ली के नाम 1 करोड़ 6 लाख में रजिस्ट्री कर दी। वीरेंद्र ठाकुर ने उक्त भवन पर लोन लिया था। साथ ही पता चला कि आरोपियों ने अपने किसी साथी को हुकमचंद बनाकर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराई थी।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ केस
पीड़ित ने एसएसपी को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की। एसएसपी के आदेश पर विजयनगर पुलिस ने पीड़ित के दोस्त अनूप जेम्स, उसके कर्मचारी अजय वर्मा, प्रॉपर्टी डीलर मयंक भारद्वाज व हर्षित भारद्वाज, फर्जी फ्लैट मालिक हुकमचंद कंसल, अधिवक्ता राजकुमार निगम व राजकुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।